स्वराज ?
वह राजनीति जिसे हम बदलने के लिए आये थे शायद उसने हमेँ ही बदल दिया है हम कहते और महसूस करते थे कि ” हमे इस राजनीति के गटर में घुस कर इसे साफ़ करना है शायद उस गटर ने हमें ही निगल लिया है ‘
वह आदर्शवाद जिसने हममें से कईयों अपने काम छोड़ने और कई त्याग करने को मजबूर किया था आज भी हमारे अंदर सुलग रहा है मैं अपनी आवाज़ उठाता रहूंगा पार्टी के अंदर भी और अगर कोई नहीं सुनता तो बाहर भी अंजाम चाहे जो भी हो.
पहली बार मैं तब बोला था जब yy/PB को पार्टी से निकला गया था पार्टी में लोग आते हैं जाते है वोट करके लोकतान्त्रिक तरीके से निकालना समस्या नहीं था मैं संतुष्ट नहीं था उस तरीके से जिससे उन्हें निकाला गया था मैंने अपना विरोध वोटिंग में भाग न लेकर किया था पर जब NE ने यह निर्णय लिया कि बाहर कुछ भी नहीं बोला जायेगा तब मेरी अंतरात्मा नहीं मानी और मैंने blog लिखा कुछ नेताओं ने सोचा कि NE के २० सदस्य ही पार्टी हैं जब कि मेरा सोचना था कि लाखों volunteer , supporter , डोनर्स मिल कर ही असली पार्टी हैं उनसे इस बात को छुपाना, दबाना गलत है कुछ नेताओं को लगा कि मैंने blog लिख कर उनके साथ धोखा किया है जबकि मेरी सोच थी कि न लिखना और न बताना अपनी पार्टी के साथ धोखा है.
इस लिए ब्लॉग न तो YY/PB के पक्ष में था और न ही AK के विरोध में यह मेरा पहला पब्लिक स्टैंड था सिधान्तो पर समझौता न करने का।
इस समय तक, महाराष्ट्र में कुछ स्वयंसेवकों और पदाधिकारी ने यह सोच कर कि दिल्ली मुझसे परेशान था और उन्होंने कुछ असंतुष्ट स्वयंसेवकों के एक छोटे समूह (ज्यादातर को मिशन Vistaar द्वारा किए गए नए समितियों में जगह नहीं मिल रहा था,) का निर्माण शुरू कर दिया है । उन्होंने नए महाराष्ट्र टीमों के खिलाफ दिल्ली द्वारा प्रोत्साहित खिलाफ साजिश शुरू कर दी दिल्ली की टीम द्वारा गठित नई महाराष्ट्र और मुंबई समितियों ने , भ्रष्टाचार निरोधक हेल्पलाइन, शेतकारी यात्रा, आप का sanwad आदि कार्यक्रम शुरू कर दिए और इसी तरह की कई गतिविधियों जैसे कि जन-केंद्रित मुद्दों को उठाने, स्वयंसेवक आधार को बढ़ाने का काम सभी कार्यकर्ता बहुत अच्छी तरह से कार्य कर रहे थे, पिछले कुछ महीनों में महाराष्ट्र की टीम द्वारा किए गए सभी कामों की सूची हम प्रकाशित करेंगे ,
हमने इस तरह की कोशिशों के बारे में सुना था पर हमें विश्वास था कि हमारी जैसी पार्टी में इस तरह के लोग सफल नहीं होंगे वास्तव में सुभाष वारे के सक्षम नेतृत्व में टीम बहुत अच्छा काम कर रही थी हमने महसूस किया कि दिल्ली की ओर देखने के बजाय हम जमीन पर पार्टी को मजबूत करने का काम करते रहेंगे।
राज्य समिति संगठित और एकजुट थी YY/PB के निलंबन के बाद उन्होंने AK को पत्र लिखा कि वह जिस तरीके से अलग किये उससे वह दुखी हैं पार्टी को पुनर्विचार करके उन्हें वापस लाना चाहिए शायद इस बात से नेताओं को चोट पहुंची हो पर यह राज्य समिति का स्वतंत्र विचार था
1 अप्रैल को NE मीटिंग फ़ोन पर हुई थी इसमें तय हुआ कि हर प्रकार का लेख , blog ट्वीट जिनसे पार्टी की छवि ख़राब होती हो आगे से अनुशासन समिति को भेजी जाएँगी पर 20 मार्च के पहले के लेखों पर यह लागु नहीं होगा मैंने अपने पहले ब्लॉग और बाद के एक पत्र में अरविन्द को लिखा था कि मैंने पार्टी का अनुशासन तोडा है इस NE मीटिंग में मेरे ब्लॉग का जिक्र हुआ पर यह निर्णय हुआ कि क्यों कि यह पहले का है इस पर कोई कार्रवाई नहीं होगी
23 जून २०१५ को पंकज गुप्ता और आशुतोष मुंबई आये और मुंबई और महाराष्ट्र के कुछ जगहों पर कार्यकर्ताओं से मिले वह बहुत संतुष्ट थे यहाँ बहुत सकारात्मक काम हो रहा है हालांकि कुछ लोग असंतुष्ट हैं टीम मजबूत है और सही दिशा में अग्रसर है उन्होंने असंतुष्ट लोगो से उनकी आपत्तियाँ और सुझाव लिख कर देने को कहा जो आजतक नहीं आये
अगले दिन 24 जून को राज्य समिति की बैठक हुई जिसमे आशुतोष और पंकज गुप्ता भी थे मैंने कहा कि हम विज्ञापन और डिबेट में पार्टी के बजाय अरविन्द का ही उल्लेख होना हम सबको असुविधा दे रहा है हमने यह भी प्रार्थना की हमारी भावनाओं को अरविन्द तक पहुँचाया जाये पार्टी को course correction के बारे में विचार करना चाहिए
किसी को अरविन्द के नेतृत्व में शक नहीं है पर व्यक्ति परन्त राजनीति हानिकारक है और देश पहले से ही लोग ” नमो” की व्यक्ति स्तुति से व्यथित है दूसरी बात यह है कि यह पार्टी के उन सिधान्तो के खिलाफ है जिन पर इसकी स्थापना हुई थी यह मेरा दूसरा निर्णय था
30 जुलाई . को मैं दिल्ली में था अपने व्यक्तिगत कारणों से , मुझे पंकज गुप्ता और आशुतोष ने बुलाया और कहा कि वे मेरे सकारात्मक role से पूरी तरह संतुष्ट हैं पर ” दिल्ली टीम” मेरे विरुद्ध है मेरे ब्लॉग की वजह से, उन्होने सुझाव दिया है कि मैं पार्टी छोड़ दूँ और यदि कुछ सालों बाद आना चाहूँ तो वे विचार करेंगे वर्ना सब कुछ “बिगड़” जायेगा
मेरा जवाब उन्हें इस प्रकार था ,
मेरा स्थान और सम्मान मुंबई और महाराष्ट्र में मेरे कार्यों से है न कि दिल्ली के नेताओं को खुश रख के और न किसी local नेता के खिलाफ साज़िश करके मुझमें कोई insecurity नहीं है और —-मेरी पोजीशन और सम्मान जमीनी कार्यकर्ताओं के प्यार और आदर से है , याद रखिये कि IAC के दिनों जब सारे नेता दिल्ली में थे हमने मुंबई में दिल्ली जैसी और उससे भी बड़ी Rallies की थी मैंने पूरी ईमानदारी से महाराष्ट्र टीम का नेतृत्व किया था इस लिए पार्टी में मेरा स्थान किसी की दया पर निर्भर नहीं है
-यह उतनी ही मेरी पार्टी है जितनी किसी और की मैंने बहुत मेहनत की है इसे देश भर में खड़ा करने में मैं पिछले दिल्ली चुनाव में लीड कर रहा था देश भर से आये 5000 कार्यकर्ताओं को शायद कुछ लोग भूल जाते हैं की 67/3 की विजय में दिन रात मेहनत करने वाले विश्व भर के साथिओं का बड़ा योगदान था यद्यपि लोग केवल मंच पर बैठे नेताओं की ही प्रशंसा करते हैं मैं समझता हूँ कि विश्व भर के लाखों लोगों में एक आशा जगी थी देश के लिए “आप” सिर्फ एक माध्यम है
-मैंने केवल SE के दिशा निर्देशों के अनुरूप मुंबई टीम को मार्ग दर्शन करने का रोल लिया है मेरा विश्वास है कि राजनीतिक पार्टी का role नए नेतृत्व खड़े करना है अच्छा नेता वह नहीं है जिसके पीछे बहुत followers हैं बल्कि वह है जो नए नेता बनाता है मैंने बहुत कोशिश की है कि मुझे नेता project न किया जाये और मैं मुंबई के उत्तम युवाओं को आगे लाने का काम करूँ मेरा एक भी बैनर या पोस्टर पार्टी ऑफिस में नहीं है मैं किसी भी टीवी चैनल panelist बन कर कई महीनों से नहीं गया मैं अपने को project करने में असहज महसूस करता हूँ.
-मैं जब भी पार्टी में कुछ गलत होगा उसके खिलाफ खड़ा रहूंगा पार्टी और देश जिन सिद्धांतों पर बने है वोह किसी शार्ट कट्स से कहीं बड़े हैं जिन पर हम समझौता करते हैं सत्ता एक नयी राजनीतिक संस्कृति बनाने का माध्यम मात्र है आज लगता हैं हमारा “वैकल्पिक राजनीती” का सपना ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है
-मुझे पता लगा है कि पार्टी सभी वरिष्ठ सदस्यों की एक फाइल बनाती है जैसे अमित शाह BJP में, बाद में यदि वे विरोध करते हैं तो SOCIAL Media टीम उन लोगों का चरित्र हनन करते हैं मैंने पंकज गुप्ता और आशुतोष से यह अनुरोध किया था कि इस तरह का Venomous campaign मेरे खिलाफ न चलाया जाये और न ही Mission विस्तार द्वारा मुझसे बदला लिया जाये
– सिर्फ इसलिये कि किसी को मेरी शक्ल पसंद नहीं है या वोह साज़िश करने वालों से प्रभावित है और उनकी सुविधा के लिए मैं पार्टी से निकल जाऊं यह नहीं होगा मैं कायर नहीं हूँ और न ही “रणछोड़” या “भगोडा ” इसलिए मैंने पंकज और आशुतोष से कहा था कि वे मुझे निकाल दें मैं सच बोलने के लिए सूली चढ़ने को तैयार हूँ
इस मीटिंग के बाद मैंने मुंबई और महाराष्ट्र के साथिओं से चर्चा की और वे एकमत थे कि मुझे छोड़ना नहीं चाहिए और उन्होंने पंकज को स्पष्ट किया कि पार्टी पुनर्विचार करे कि मुंबई और महाराष्ट्र की टीम मेरे साथ काम करना पसंद करेंगी इस तरह से विचार पक्का हो गया कि SE ने 3 बार Diktat मानने से इंकार कर दिया पहली जब AK की यूनाइटेड आप मानने को कहा दूसरी जब व्यक्ति परंत राजनीति को कम करने को कहा और तीसरा तब जब वोह High Command culture के खिलाफ खड़े हो गए
इस बीच साज़िश कर्ताओं को सितम्बर की Deadline दे दी गयी MV समिति को बर्खास्त करने के लिए यह बात कार्यकर्ताओं और पदाधिकारिओं को बता दी गई confusion और unrest पैदा करने के लिए साज़िश करने वालों ने वैकल्पिक committee भी बना दी हमारे महाराष्ट्र के संयोजक के खिलाफ एक पक्का केस बना कर उन्हें निकालने का भी प्रयास किया गया ये सारे पार्टी विरोधी कामों के सबूत जमा करके SE द्वारा National Secretary को दिए गए पर उन्होंने जवाब देने की भी जरूरत नहीं समझी
गलत comments SE के खिलाफ प्रेस में दिये गए उसे humiliate करने के लिए, SE ने कई शिकायतें दिल्ली को भेजी AK से समय भी माँगा पर कोई जवाब नहीं एक बार मैंने सोचा कि पार्टी छोड़ दूँ जिससे मेरे साथी प्रताडना से बच जाएं मैंने AK को कई बार फ़ोन किया उसे काट दिया गया messages का भी जवाब नहीं मैंने AK को लिखा मैं वैसे ही छोड़ने को तैयार हूँ आप बात तो कीजिये पर कोई जवाब नहीं हम यह समझ गए कि हमें सितम्बर तक निकलने का निर्णय हो चूका है पर यह विश्वास नहीं केर पाये कि यह इस स्तर तक गिरकर होगा
कुछ लीपापोती करने की कोशिश हुई थी MV के खिलाफ दिल्ली में शिकायतें की गयी(महराष्ट्र में GRC होने के बावजूद) एक २ मेंबर की समिति भी बनाई गयी fact finding के लिए पर उसने किसी से बात किये बिना ही अपनी रिपोर्ट भी दे दी यह सब इस कार्रवाई को legitimize करने के लिए किया गया सुभाष वारे convener और राजू भिसे co convener को दिल्ली बुलाया गया बताने के लिए कि हम इस समिति को भंग करने वाले हैं आप नयी समिति बनाएं इन दोनों ने इस घटिया प्रक्रिया का हिस्सा बनने से इंकार कर दिया इन्होने सुझाव दिया कि दिल्ली अपनी टीम महाराष्ट्र में भेजे यदि कुछ गलत लोग या गलतियां मिलें तो उसे साथ में ठीक किया जाये वैसे भी यह अंतरिम समिति है जिसे दिसंबर २०१५ तक Internal Election करके MV पूरा करना है इसे अभी भंग करने की जरूरत नहीं है.
पर सितम्बर अंत हो रहा था कल 1 अक्टूबर को वेबसाइट पर एक छोटा सा नोट दिखा जिसके अनुसार सभी समितिओं को बर्खास्त कर दिया गया पंकज गुप्ता को नयी टीम बनाने का जिम्मा दिया गया कोई राय नहीं पूछी गयी कोई चर्चा नहीं हुई सलाह नहीं मांगी गयी 3 लाइन वेबसाइट पर यह वही HIGH COMMAND culture है जिसका विरोध हम शुरू से करते आये हैं
4 सालों तीसरी बार फैसले का समय आया है अंदर से मैंने बार-2 कोशिश की पर नतीजा नहीं निकला मुझे जनता के पास जाने के सिवा कोई रास्ता नहीं है न तो मैं महाराष्ट्र समिति का सदस्य हूँ और न ही मुंबई का इसके भंग होने से मेरी स्थिति NE मेंबर होने पर कोई फर्क नहीं पड़ता है मैं अपने जीवन में कभी अपने लिए नहीं लड़ा पर दूसरों के लिए , अगर मुझे पार्टी से निकाल दिया गया होता तो मैं निकल जाता पर यह निर्णय तो सारे महाराष्ट्र की समिति के साथ अन्याय है
ऐसा माना जाता है कि हर राजनितिक पार्टी में एक ही आवाज़ होनी चाहिये चाहे वोह नमो , सोनिआ या AK की सोचिये कि पार्टी में आवाज़ उठाने को क्यों रोका जाना चाहिए एक सवस्थ प्रजातंत्र के लिए यदि बहुत सी अवाज़ीं उठें तो वह बहुत अच्छा है
मुझे क्या उम्मीद है? दिल्ली में चलता हुआ अच्छा governance जारी रहे पंजाब में लड़ा और जीता जाये जहाँ भी ताक़त हो पार्टी चुनाव लड़े और अपने सिद्धांतों के अनुरूप ही आगे बढे मैंने सुना है कि पार्टी २०१७ के पंजाब चुनाव के पहले कोई चुनाव नहीं लड़ना चाहती BMC 2017 मिला कर इस निर्णय पर पुनर्विचार की जरूरत है अगर यह सच है तो हज़ारों कार्यकर्ता जो AK की स्वराज पुस्तक Ward, पंचायत , शहर में बांटते रहे उन्हें नहीं मालूम था कि यहाँ पर चुनाव का निर्णय दिल्ली में बैठे कुछ लोग लेंगे जो कभी यहाँ आये ही नहीं
सैकड़ों कार्यकर्ता दुखी हैं और मुझसे advice मांग रहे है कि क्या करें ? यह volunteers से चलने वाली पार्टी है और नेता उनके साथ उचित व्यवहार नहीं करते इस से दुःख होता है यह कोई “इस्तेमाल करो और फ़ेंक दो” वाली वस्तु नहीं है हमारी आत्मा हैं.
मेरा स्पष्ट सन्देश जो दिशा चाहते हैं ” यह किसी और से ज्यादा तुम्हारी पार्टी है” पार्टी में रहो और अनवरत लोगों के लिए काम करते रहो समय बदलेगा और सही कार्यकर्ता को उसकी जगह मिलेगी आप आज देश की सबसे अच्छी राजनीतिक शक्ति है जल्दी ही चापलूस बेनकाब होंगे और सच्चे कार्यकर्ता वापस आएंगे मुझे शायद पार्टी से निकाल देंगे पर आप शांति बनाये रखें और लोगों के लिए काम करते रहे व्यक्ति के पीछे मत जाओ पार्टी व्यक्ति से बड़ी है जैसा हम हमेशा से कहते रहे हैं ” सत्य परेशान हो सकता है परास्त नहीं ” सच्चाई थकती है पर हारती नहीं है जय हिन्द
जब भी आप में समझौते होंगे मैं अपनी आवाज़ उठाता रहूंगा चाहे अंदर रहूँ या बाहर ऐसे व्यक्ति का कोई क्या बिगड़ सकता है जिसे पद की कोई इच्छा न हो कुछ खोने का डर नहीं मुझ पर अनुशासनात्मक कार्रवाई हो सकती है, होनी भी चाहिए तो मैं राजनीति छोड़कर अपने जीवन में वापस चला जाऊँगा जब देश को भविष्य में मेरी जरूरत पड़ेगी जरूर आऊंगा आपके साथ मिलकर लड़ने के लिए।
जब हमने २०११ में IAC शुरू किया था भारत अलग था आज देश की मानसिकता बदल चुकी है मुझे ख़ुशी है कि मैं इस परिवर्तन का हिस्सा रहा “आप” ने एक Platform दिया है जहाँ अच्छे लोग आकर देश के लिए काम कर सकते हैं हमें उनके सपने को तोडना नहीं चाहिए भारत पार्टी से बड़ा है
सोच नहीं पाया 2 अक्टूबर से बेहतर दिन हो सकता था यह ब्लॉग लिखने के लिए —महात्मा गांधी जन्म दिन
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deepak