Month: October 2015

स्वराज ?

वह राजनीति जिसे हम बदलने के लिए आये थे शायद उसने हमेँ ही बदल दिया है हम कहते और महसूस करते थे कि ” हमे इस राजनीति के गटर में घुस कर इसे साफ़ करना है शायद उस गटर ने हमें ही निगल लिया है ‘ वह आदर्शवाद जिसने हममें से कईयों अपने काम छोड़ने […]

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